Total Pageviews

Wednesday, December 08, 2010

क्यों न भर्त्सना करें देश द्रोहियों की ....

अंततःभांडा फूट ही गया देश द्रोहियों का.......२ जी स्पेक्ट्रम घोटाले में देश के दुश्मनों नें ४५ मिनट के अन्दर देश की जनता के करोड़ों रुपयों का बन्दर बाँट कर लिया. शीर्षस्थ हाई प्रोफाइल दुष्टों की वार्ताओं के टेप से अब यह स्पष्ट हो चुका है कि राज नेताओं से लेकर मीडिया तक की भागीदारी में किस तरह गुंडागर्दी का आलम छाया हुआ है ......और किस तरह सत्ता को जेब में डालकर घूमने की अपसंस्कृति अपने पैर पसार चुकी है. अभी तक ज़ो भी तथ्य सामने आये हैं उनसे यह स्पष्ट हो चुका है कि हमारे प्रधान-मंत्री की जानकारी में सारा खेल होता रहा .....यदि वे लाचार थे तो कुर्सी छोड़ देनी थी ....उस कालिख में खुद भी काले हो गए .....यह कैसी लाचारी .....नहीं हम उन्हें भोला नहीं कह सकते ......देश की कमान जिसके हाथ में हो उसे कैसी लाचारी ....और क्यों ? क्या यह उनकी अक्षमता का स्पष्ट प्रमाण नहीं ?
अब हमारी भूमिका देश के प्रति क्या होनी चाहिए ....यह हमें और आपको तय करना है ....और बड़ी दृढ़ता से तय करना है.अभी हम इतना तो कर ही सकते हैं कि इन नालायक लोगों की भर्त्सना करें और एक स्वर से यह माँग करें कि इनकी सारी परिसंपत्तियां जब्त कर देश की संपत्ति घोषित की जाय और इन्हें देशद्रोही घोषित किया जाय.
यहाँ मैं मुक्त हृदय से प्रशंसा करूंगा .......एक ताज़े फैसले में ....मध्य-प्रदेश के एक सत्र न्यायाधीश नें भ्रष्टाचार के मामले में दोषी उपयंत्री को पाँच करोड़ का जुर्माना और तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाकर अनुकरणीय कार्य किया है.......ऐसे न्यायाधीश को पूरे देश की ओर से मेरा नमन.
२-जी घोटाले को रोकने के लिए जिन अधिकारियों नें अपनी कर्तव्यनिष्ठा और दृढ़ता का परिचय दिया वे प्रशंसा के पात्र हैं .....हमें और हमारे पूरे देश को ऐसे अधिकारियों पर गर्व है ...मुक्त हृदय से मैं आदरणीय मिलाप जैन -डी.जी. इन्वेस्टीगेशन - आयकर विभाग, आदरणीय विनीत अग्रवाल-डी. आई.जी.-सी.बी.आई., आदरणीय प्रत्यूष सिन्हा -कमिश्नर-चीफ विजिलेंस, आदरणीय प्रशांत भूषण- अधिवक्ता- सर्वोच्च न्यायालय, आदरणीय     प्रणन्जय गुहा -आर्थिक पत्रकार, आदरणीय अनिल कुमार -सचिव- टेलीकाम वाच डाग एवं अन्य कई लोग जिन्होंनें इस मुहिम में अपनी निष्ठा का परिचय दिया, के प्रति हृदय से आभारी हूँ ......और सच कहूं तो ये वे लोग हैं ज़ो किसी स्वतंत्रता सेनानी से कम नहीं हैं ...आखिर आज़ादी को बचाए रखना भी एक सतत संघर्ष की प्रक्रिया है ......इन सबको मेरा कोटि-कोटि नमन
और एक अपील आप सबसे भी .......राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे आदरणीयों का  सम्मान किया जाना चाहिए ...इसके लिए आप सब सामने आयें ....साथ ही देश द्रोहियों के विरुद्ध एक मत से भर्त्सना के लिए भी आगे आयें....जय भारत !             

No comments:

Post a Comment