tag:blogger.com,1999:blog-1355268225238583975.post1624130937269460479..comments2023-09-10T02:46:56.152-07:00Comments on बस्तर की अभिव्यक्ति ...गाँव से ....: कलम - रोशन वर्माबस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttp://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1355268225238583975.post-32660300847115603292011-01-28T09:19:57.574-08:002011-01-28T09:19:57.574-08:00क्षितिजा जी ! ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद ...हमें ...क्षितिजा जी ! ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद ...हमें सदा ही आपकी अनमोल टिप्पणियों की प्रतीक्षा रहेगी.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1355268225238583975.post-15894389706477919672011-01-27T20:03:20.365-08:002011-01-27T20:03:20.365-08:00बिलकुल सही कहा है आपने .... बाहरी ख़ूबसूरती तराशने ...बिलकुल सही कहा है आपने .... बाहरी ख़ूबसूरती तराशने और निखारने में लगे हैं सब ... फिर चाहे वो कुछ भी हो ...Dr Xitija Singhhttps://www.blogger.com/profile/16354282922659420880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1355268225238583975.post-5530663332203973502011-01-25T09:36:31.808-08:002011-01-25T09:36:31.808-08:00Superb.......Superb.......Unknownhttps://www.blogger.com/profile/05358727444541732419noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1355268225238583975.post-61074733964842732412011-01-25T02:33:03.654-08:002011-01-25T02:33:03.654-08:00हीर जी ! आदाब ! ! ! ! ! ! ! दरअसल यह रचना थोपी हुय...हीर जी ! आदाब ! ! ! ! ! ! ! दरअसल यह रचना थोपी हुयी प्रतिभाओं के संरक्षण-परिवर्धन की और इशारा कर रही है ......रोशन जी नें बड़े ही सुन्दर बिम्बों के साथ अपनी बात कहने का रोचक प्रयास किया है ......हमारी सिर-फिरों की चौकड़ी के वे भी एक सदस्य हैं.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1355268225238583975.post-34763994497374788412011-01-24T23:58:01.483-08:002011-01-24T23:58:01.483-08:00खुशबू हो न हो ....
आकार और रंग तो चटख हैं .....
इ...खुशबू हो न हो ....<br />आकार और रंग तो चटख हैं .....<br /><br />इंसान अपनी तरह प्रकृति को भी बदलना चाहता है .....<br />बहुत अछि रचना है रोशन वर्मा जी की ....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1355268225238583975.post-5244681299132728992011-01-24T00:57:22.566-08:002011-01-24T00:57:22.566-08:00पूजा जी ! हमारे गाँव पधारने के लिए बहुत-बहुत धन्यव...पूजा जी ! हमारे गाँव पधारने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद . हमारा घर जगदलपुर में ही है ...कभी कार्यक्रम बनाइये....इस जंगल में स्वागत है आपका. वनवासियों की नृत्य यात्रा पर लिखा लेख "बस्तर की अभिव्यक्ति ..जैसे कोई झरना .. " का अवलोकन कीजिएगा.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1355268225238583975.post-23802366159452448092011-01-23T22:48:00.936-08:002011-01-23T22:48:00.936-08:00नमस्कार...
रचना बेहद अच्छी लगी...
बस्तर के बारे मे...नमस्कार...<br />रचना बेहद अच्छी लगी...<br />बस्तर के बारे में बहुत सुना है...हमेशा सोचते भी है आने की... पर बात आई गयी हो जाती है...<br />आपके ब्लॉग पर आकर लगा जैसे वहीं के गहने जंगलों में पहुँच गए हों...<br />पर एक विनती है... कृपया शब्दों का आकर जरा-सा बढ़ा दें... तो इन मोतियों को चुनना ज़रा सा सरल हो जाएगा...<br />धन्यवाद...POOJA...https://www.blogger.com/profile/03449314907714567024noreply@blogger.com