क्या है बस्तर की अभिव्यक्ति ?
इसका एक ज़वाब तो यह है कि बस्तर में एक छोटा सा गाँव है ......जहाँ के कुछ लोगों नें मिलकर एक संस्था बनायी है......और उसका नाम रखा - "अभिव्यक्ति"। यह ब्लॉग इस संस्था की गतिविधियों, विचारों और अपने सरोकारों को अभिव्यक्त करने का ज़रिया बनेगा ।
बरसों से बस्तर एक जंगली पेड़ की तरह फल-फूल रहा था ....अपने आप में मस्त। अचानक उस पर गणमान्य लोगों की नज़र पड़ गयी। वे तुल गए... बस्तर का विकास करने पर। उनकी देखा-देखी कुछ और समाज सेवक भी कूद पड़े। वे बस्तर का और भी विकास करने लगे। बेचारा बस्तर हक्का-बक्का देखता ही रह गया।
कुछ लोग विकास का फ़ॉर्मूला ईज़ाद करने लगे,..... ज़ो सहमत नहीं थे वे बारूदी सुरंगें फोड़कर आतिशवाजी का आनंद लेने लगे। कीचड़ की होली खेली जाने लगी। अजीब मंज़र है, कोई समझ ही नहीं पा रहा बस्तर को कि वह तो सलवा जुड़ुम के जुलूस में शामिल लंगोटीधारी गोंड की तरह है। शामिल न हो तो घुड़की ...और शामिल हो तो धमकी।
इस ब्लॉग के ज़रिये छत्तीसगढ़ या जगदलपुर के बजाय हम बस्तर की नब्ज़ पकड़ने की कोशिश करेंगे। देश-दुनिया की बातें भी करेंगे। बहरहाल इस ब्लॉग का कोई फ़िक्स एजेंडा नहीं है ....ज़ो मन में आया सो लिखेंगे।
शुभकामनाओं के साथ स्वागत है आपका हिंदी ब्लॉगजगत पर।
ReplyDeleteमेरी शुभकामनाऍ.ऐसे ही हमलोग मिलते रहेंगे.
ReplyDeleteइस सुंदर से चिटठे के साथ आपका हिन्दी चिटठा जगत में स्वागत है। आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को मजबूत बनाएंगे। हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeletereally bahut badhiyaa
ReplyDeletejaari rahe, narayan narayan
ReplyDeleteटिप्पणी देने के लिए आप सभी का धन्यवाद।
ReplyDeleteसंगीता जी, आपने अपनी संपादित पत्रिका का जो लिंक दिया है। उसमें कोई सामग्री मौजूद नहीं है। लगता है कहीं लिंक देने में त्रुटि हो गई है। कृपया सही लिंक दीजिए।