एक ही ख्वाहिश ......कितनी जुदा !
किसी की ज़रूरत , किसी की अदा . - कौशलेन्द्र
१-
माँ ! मुझे कमीज़ दिला दो न!
कब तक काटूंगा यूँ ही .....बिना कमीज़
ठण्ड बहुत लगती है माँ !
२-
माँ ! मुझे नयी कमीज़ सिला दोगी ?
अब तो पुआल से भी ठण्ड नहीं जाती
पैबंद उखड गए हैं ...कथरी सी हो गयी है
और फिर सीने ..........को भी तो जगह नहीं बची माँ !
३-
माँ ! ....एक और कमीज़ प्लीज़ !
यह एक ही है
जब मैली हो जाती है
तो धोकर सुखाने में समय लगता है
और देर हो जाती है स्कूल की .
४-
मम्मी ! दीवाली पर नहीं
तो बर्थ-डे पर ही सही
नई शर्ट ले देना मुझे
दोस्त चिढाते हैं ...
क्या कोई गिफ्ट नहीं ?
५-
मम्मा !
मैं नहीं पहनूंगा इसे
यह भी कोई शर्ट है
क्या मैं इसी के लायक हूँ ?
ये शार्ट नहीं है
समझा करो
पैटर्न फैशन !
शुभकामनायें आपको
ReplyDeleteसक्सेना साहब ! हमारे जंगल में तशरीफ लाने का शुक्रिया क़ुबूल करें
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